जब हौसला बना लिया ऊंची उड़ान का। देखना फिज़ूल है कद आसमान का।। डरना नहीं यहाँ तू किसी भी चुनौती से। बस तू ही सिकन्दर है सारे ज़हान का।।
मैं कभी भी शराब पीते हुए रिस्क नहीं लेता। . . . . मैं ऑफिस से शाम को घर पे आया तो बीवी खाना बना रही थी। हाँ, मुझे रसोई से बर्तनों की आवाज़ आ रही है। मैं चुपके से घर में घुस गया काले र…
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